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मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

दरअसल

मतदान जरूर कीजिए

राजनीतिक दलों के झूंठे एजेंडों को खारिज कीजिए जो आपको लालच में फंसाते हों। उन वादों में मत उलझिए जो ये पूरे ही नहीं कर सकते हों। आप समझ सकते हैं कि इनमें से कई दल और कई नेता ऐसे हैं जो छद्मावरण ओढ़े हुए हैं और इनके कारनामे भरपूर नीचता और बेशर्मी से भरे हुए हैं। इनकी कार्यप्रणालियां आम आदमी को उजाड़ रही हैं। इनकी योजनाएं भी अपना लाभ-हानि देखकर बनती हैं। इनके गठजोड़ों में ऐसे कातिल और समाज और देश विरोधी तत्व शामिल हैं जिन्हें आप अपने करीब लाना भी पसंद नहीं करेंगे।

सौ करोड़ से भी अधिक लोगों के भारत में पंद्रहवीं लोकसभा का चुनाव हो रहा है। इसमें पांच साल से चली आ रही यूपीए की सरकार के कार्यकलापों की समीक्षा से लेकर भविष्य की जिम्मेदारियां निश्चित होंगी। इस चुनाव में भी एक आशंका अपना दबदबा बनाए हुए है और वो यह है कि क्या इस बार भी लोकसभा में किसी एक दल का बहुमत नहीं होगा? यानी क्या आगामी सरकार फिर उसी तरह देशहित के ज्वलंत मामलों पर लोकसभा में राजनीतिक दलों या सदन के एक-एक सदस्य का समर्थन जुटाने के लिए उनके सामने गिड़-गिड़ाएगी? हाथ फैलाएगी? देशहित की बात इस‌लिए कही जा रही है क्योंकि सांसदों और नौकरशाहों के पेंशन, वेतनभत्तों, सुख-सुविधाओं जैसे मामलों पर तो समर्थन जुटाने की जरूरत ही नहीं पड़ती, लेकिन यदि देश के भीतर एवं बाहरी मामलों पर इनकी जरूरत पड़े तो सत्तारूढ़ दल में रहकर भी ये लोग शक में या विरोध में खड़े होकर टर्राने लगते हैं, फिर शुरू होता है घमासान और सदन में बहुमत के लिए एक-एक वोट की मारा-मारी और घूसखोरी। देश के लिए न्यूक्लियर डील में तो ऐसा ही हुआ था। पूरे देश ने देखा कि किस प्रकार देशहित के मामले पर राजनीतिक दलों ने और कुछ सदस्यों ने अपने रंग बदले, सरकार को आंखें दिखाईं और अब भी सौदेबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं।

एक खास अपील आपसे है- आज देश को आपकी बहुत जरूरत है। आतंकवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता, फर्जी धर्मनिरपेक्षता, भ्रष्‍टाचार, मंदी और गरीबी, अपराध और बेकारी के विरुद्घ आपके एक-एक वोट की जरूरत है। इसके जरिए आप लोकसभा में राजनीतिक अस्थिरता को खत्म कर सकते हैं। अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए ऐसी योजनाओं और वातावरण की उम्मीद कर सकते हैं जो उनके लिए सुरक्षा कवच का काम करेंगी जो उनके जीवन में अपने भविष्य, आपकी एवं देश की उम्मीदों को एक प्रगतिशील रूप देंगी। आपको एक ही काम करना है कि आप मतदान करने निकलें और उनके लिए मतदान करें जो आपको राग-द्वेष जाति विहीन भ्रष्टाचार विहीन और पूर्ण बहुमत की सरकार दे सकें। उन्हें नहीं, जो गले तक भ्रष्टाचार में डूबकर समाज और अपने प्रदेश को टुकड़े-टुकड़े कर उसे चौपट कर रहे हैं और कल देश का ही सौदा करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे।
राजनीतिक दलों के झूंठे एजेंडों को खारिज कीजिए जो आपको लालच में फंसाते हों। उन वादों में मत उलझिए जो ये पूरे ही नहीं कर सकते हों। आप समझ सकते हैं कि इनमें से कई दल और कई नेता ऐसे हैं जो छद्मावरण ओढ़े हुए हैं और इनके कारनामे भरपूर नीचता और बेशर्मी से भरे हुए हैं। इनकी कार्यप्रणालियां आम आदमी को उजाड़ रही हैं। इनकी योजनाएं भी अपना लाभ-हानि देखकर बनती हैं। इनके गठजोड़ों में ऐसे कातिल और समाज और देश विरोधी तत्व शामिल हैं जिन्हें आप अपने करीब लाना भी पसंद नहीं करेंगे। जिनके मुख उजले और मन काले हैं। जो समाज में भी जहर घोले हुए हैं और जिन्‍हें केवल धन चाहिए, जिन्हें अपने खिलाफ चल रहे अपराधिक मुकदमे खत्‍म कराने और विघटन पैदा करने से मतलब है, वे देश चलाएंगे?
जरा सोचिए!
आपका एक वोट देश की आन-बान-शान और समृ‌द्घि का प्रतीक है। आपके वोट में ताकत है- उससे एक और एक मिलकर दो नहीं बल्कि ग्यारह की शक्ति पैदा कीजिए। आपके मतदान नहीं करने के कारण ही माफिया सरगना, भ्रष्‍टाचारी सांप्रदायिक और विघटनकारी चुनाव जीतते आ रहे हैं। विधान सभाएं और लोकसभा त्रिशंकु हो गई है। ऐसे सदन में आपके हितों की रक्षा नहीं हो सकती, क्‍योंकि जो चुनकर गए हैं, उनमें से कई का सहानुभूति संवेदनाओं समाज देश और दुनिया के बनने बिगड़ने से कोई मतलब नहीं है। आपके वोट नहीं देने से या मतदान का प्रतिशत कम रहने का सबसे ज्‍यादा लाभ ऐसे ही तत्‍वों को मिलता है। इस प्रकार का निर्वाचन, नगर प्रदेश देश और मानवता के लिए बहुत दुखदायी होता है, यह आपको नहीं भूलना चाहिए। याद रखिये कि आपके मतदान करने से विश्‍व समुदाय में अपने देश और जिम्‍मेदारियों के प्रति आपकी जागरुकता और लोकतंत्र में आस्था का पता चलता है। गैर मुल्‍क आपके लोकतंत्र की ताकत से डरते हैं और सम्मान करते हैं। जानते हैं कि भय ‌बिन प्रीत न होत गुंसाई।
आपने देखा? किस प्रकार से देश में विघटनकारी शक्तियां सक्रिय हैं। यहां कितनी वारदातों का जिक्र करें? कैसे-कैसे लोगों को राजनीतिक दल टिकट दे रहे हैं, नौजवानों की योग्य पीढ़ी क्यों राजनीति से विमुख होती जा रही है, क्यों सांप्रदायिक शक्तियां अपने मंसूबों में सफल हो जाती हैं, क्यों हम सुरक्षित नहीं है? हमारी माता-बहनें और हमारी जान-माल की सुरक्षा खतरे में है। देश में प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देखने वाले अपने लिए कितनी बड़ी सुरक्षा से लैस हैं और आप? आपके परिजन, दोस्त और रिश्तेदारों के सकुशल घर लौटने की गारंटी नहीं है, किनके कारण? इनके, जिन्होंने गुंडों, लफंगों, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को अपने दल के टिकट और वोट बेचे हैं।

क्या आप इन्हें अपना प्रतिनिधि चुनेंगे? हम समझते हैं कि हरगिज नहीं।
वोट दीजिए, भारत के लिए, उसकी एक दलीय सरकार के लिए, देश की प्रगति के लिए और अपनी एवं अपनी पीढ़ी के लिए। नही तो वह आगे चलकर आपसे अनेक सवाल करेगी और यदि आपके पास उसके सवालों के समुचित उत्तर न हुए तो आप भी उतने ही जिम्मेदार होंगे जितना हम उनको समझते हैं, जिनके विरुद्ध मतदान करने की हम आपसे अपील कर रहे हैं। देश की समृद्धि एवं उसकी एकता अखंडता के लिए मतदान कर जातिवादी भ्रष्टाचारी शक्तियों को हतोत्साहित और परास्त करें। क्योंकि इसके लिए आपके एक-एक वोट में शक्ति है। मतदान के दिन घर मत बैठिए, उस दिन पिकनिक पर मत निकलिए। आइए, और अपनी बारी पर निर्भय होकर अपना वोट दीजिए!

दिनेश शर्मा

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