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रविवार, 11 नवंबर 2007

हासपरिहास Haasparihaas

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हिसाब
नेताजी अपने नालायक पुत्र को डांट रहे थे-जब मैं तुम्हारी उम्र का था तो मैंने चारा स्टोर में केवल 50 रुपये महीने पर नौकरी शुरू की थी। फिर मैंने वहीं करोड़ों रुपये कमाये....

पुत्र बोला-पर पिताजी, अब ऐसा सम्भव नहीं है।

‘क्यों?’

‘क्यांकि अब वहां क्लोज सर्किट टीवी लगे हुए हैं और पूरा हिसाब रखा जाता है।’

Hisaab

Netaajee apane naalaayak putra ko daant rahe the- Jab mein tumharee umr kaa thaa to meine caaraa stor men keval 50 rupaye kee naukaree shuroo kee thee. Fir meine waheen karodon rupaye kamaae...

Putra bolaa-Par ab aisaa sambhav naheen hai.

'kyon?'

'Kyonki ab wahaan kloj sarkit tv lage hue hain aur pooraa hisaab rakhaa jaataa hai.

080521

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शर्म
चुनाव हारने के बाद नेताजी और उनकी पत्नी बातचीत कर रहे थे। पत्नी-शुरू के 5 साल तो तुमने बड़ी ईमानदारी से काम किया। उसके बाद बीते 10 सालों में तुम हेराफेरी, बेईमानी, लूटखसोट और चोरीचकारी पर उतर आये....तुम्हें शर्म नहीं आयी!

‘इसमें “शर्म की क्या बात है?’
‘आखिर शुरू के 5 साल तुमने क्या सोचकर बरबाद किये?’

Sharm
Chunaav haarane ke baad netaajee aur unakee patnee baatcheet kar rahe the. Patnee-Shuroo ke 5 saal to tumane badee eemaandaaree se kaam kiyaa. Usake baad beete 10 saalon men tum heraaferee, beeemaanee, lootkhasot aur chreechakaaree par utar aae...tumhen sharm naheen aayee!
'Ismen sharm kee kyaa baat hai!'
'Aakhir shuroo ke 5 saal tumane kyaa sochkar barbaad kar diye?'
*Cartoon © TC Chander 2008, New Delhi, India
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पागल
‘बहन, यदि कोई पागल आपको काट ले तो आप क्या करेंगी?’
‘आपकी हिम्मत कैसे हुई मेरे पति के बारे में इस तरह बोलने की!’
Paagal
`Bahan, yadi koee paagal aapako kaat le to aap kyaa karengee?'
`Aapkee himmat kaise huee mere pati ke baare men is tarah bolane kee!
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स्वर्ग
संयोगवश मुंगेरी सपत्नीक स्वर्ग पहुंच गये। वहां 24 घंटे बिजली-पानी, चारों ओर फ़ब्बारे, शानदार रहनसहन, हर तरह की सुख-सुविधाएं देख मुंगेरी को आनन्द आ गया। अचानक एक दिन उन्होंने पत्नी को एक जोरदार झापड़ मार दिया। पत्नी ने चकराकर पूछा-क्यों मारा जी?
‘दुष्ट, तूने मेरी सिगरेट और शराब क्यों छुड़ायी? अगर न छुड़ाती तो मैं बीस साल पहले यहां आकर मजे कर रहा होता!
Swarg
Sanyogwas Mungeree sapatneek swarg pahunche gaye. Wahaan 24 ghante bijalee-paanee, charon or fabbaare, shaandaar rahansahan, har tarah kee sukh-suvidhaaen dekh Mungeree ko aanand aa gayaa. Achaanak ek din unhonne patnee ko jordaar jhapad maar diyaa. Patnee ne chakaraakar poochha-kyon maaraa jee?
`dusht, toone meree sigret aur sharaab kyon chhudaayee? Agar na chhudaatee to mein bees saal pahale hee yahaan aakar maje kar rahaa hota!'
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मुंह
‘तुम खाना किस तरह खाते हो?’
‘दायें हाथ से!’
‘कमाल है! फ़िर ईश्वर ने मुंह किसलिए बनाया है?’
Munh
`Tum khaanaa kis tarah khaate ho?'
`Daayen haath se!'
`Kamaal hai! fir eeshwar ne munh kisliye banaayaa hai?'
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शादी
‘तुम्हारी शादी का मामला कहां तक पहुंचा?’
‘फ़िफ़्टी-फ़िफ़्टी पर अटका है।’
‘क्या मतलब?’
‘मतलब यह कि सखी, मेरे घर वाले तैयार हैं, लड़के वाले नहीं मान रहे।’
Shaadee
`Tumharee shadee kaa maamalaa kahaan tak pahunchaa?
`Fifty-fifty par atakaa hai.'
`Kyaa matalab?'
`Matalab yahee sakhee ki mere ghar waale taiyaar hain, ladake waale naheen maan rahe.'
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खाना
‘क्यों न आज रात का खाना तुम हमारे घर खाओ।’
‘नहीं भाई!’
‘क्यों, क्या परेशानी है?’
‘तुम्हें स्वर्गवासी रमेश की याद होगी...’
‘हां, मगर इस समय इस बात का क्या मतलब?’
‘तुम्हें यह भी याद होगा कि आखिरी बार उसने तुम्हारी पत्नी के हाथ का बना खाना खाया था...’
Khaanaa
`kyon na aaj raat kaa khaanaa tum hamaare ghar khaao.'
`Naheen bhaaee!'
`kyon, kyaa pareshaanee hai?'
`Tumhen swargwaasee Ramesh kee yaad hogee...'
`Haan, magar is samay ia baat kaa kyaa matalab?'
`Tumhen yah bhee yaad hogaa ki aakhiree baar usane tumhaaree patnee ke haath kaa banaa khaanaa khaayaa thaa.'
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जेल
‘बिना टिकट हो! कहां से चले आ रहो?’
‘सर, जेल से...’
‘अच्छा, जेल किसलिए गये थे?’
‘एक टीटी को ट्रेन से बाहर फ़ैंकने के ज़ुर्म में!’
Jel
‘Binaa tikat ho! kahaan se chale aa rahe ho?'
`Sar, jel se...'
`Achchhaa, jel kislie gaye the?'
`Ek TT ko train se baahar fainkane ke jurm men!'
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चोरी
‘तुमने थाने में ही चोरी कर डाली! तुम्हारा पकड़ा जाना तो तय था।’
‘हुज़ूर, मैं चाहता था कि यदि मैं पकड़ा जाऊं तो न मुझे और न ही पुलिस को ज्यादा पैदल चलना पड़े।’
Choree
`Tumane thaane men hee choree kar daalee! tumhaaraa pakadaa jaanaa to tay thaa.'
`Hujoor, mein chaahataa thaa ki yadi mein pakadaa jaaoon to na mujhe aur na hee pulis ko jyaadaa paidal chalanaa pade.'
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उधार
एक अजनबी को सामने देख राम लाल चौंक गये। वह बोला-आपको शायद याद होगा कि आपने कई साल पहले मुझे 500 रुपये देकर मेरी काफ़ी मदद की थी।
‘याद आया! आज क्या आप वे 500 रुपये लौटाने आये हैं?’ राम लाल उत्साहित होकर बोले।
‘ऐसी कोई बात नहीं, मैं इधर से गुज़्रर रहा था तो मैंने सोचा कि लगे हाथ 500 रुपये और ले लूं...।
Udhaar
Ek azanabee ko saamane dekh Raam Laal chaunk gaye. Wah bolaa-aapko shaayad yaad naheen hogaa ki aapane kaee saal pahale mujhe 500 Rupaye dekar meree kaafee madad kee thee.
`Yaad aayaa, aaj kyaa aap ve 500 Rupayr lautaane aaye hain?' raam Laal utsaahit hokar bole.
`Aisee koee baat naheen, main idhar se gujar rahaa thaa to meine sochaa ki lage haath 500 Rupaye aur le loon...'
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शेव
'आज तुमने शेव क्यों नहीं की ?'
'मेरा ख्याल है कि मैंने शेव की थी...पर दिक्कत यह थी कि एक ही शीशे के सामने हम छः लोग खड़े थे।'
'तो?'
'शायद मैंने किसी और की शेव कर दी!'
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दांत
'यह हाथ मटकाना और मुंह बिचकाना बंद करो... अभी तो मैंने दांत निकालना शुरू भी नहीं किया है!' डाक्टर ने कहा।
मरीज बोला,' दांत की ऐसी की तैसी, आप मेरे पैर पर खड़े हैं!
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पागल
दो महिलाएं बातें कर रहीं थीं। 'बहिन, यदि तुम्हें कभी कोई पागल काट ले तो तुम क्या करोगी?'
'तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे पति के बारे में ऐसा कहने की!' जवाब मिला।
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कार
बाबूजी की कार जल्दी-जल्दी ख़राब हो जाती थी। मिस्त्री बहुत परेशान था। वह बोला- 'साहब, अब आप नयी कार ले लीजिए। यह बहुत पुरानी भी हो गयी है...आयेदिन ख़राब हो जाती है।
''कैसी बातें करते हो!', बाबूजी बोले,' इतने रुपये मैं कहाँ से लाऊँ!' '
"फिर एक ही तरीका है बाबूजी।"
''वह क्या?"
"इसे बेचकर जितने रुपये मिलें उनमें कुछ और रुपये मिलाकर एक साइकल ले डालिए।" मिस्त्री ने सलाह दी।
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कॊक्रोच
पति-पत्नी होटल में खाना खा रहे थे।
"वेटर!"
"जी सर!''
"देखो, सब्जी में कॊक्रोच निकला है!''
"माफ़ कीजिए साहब, मैं आपको दूसरी सब्जी लाकर देता हूं।"
वेटर के जाने के बाद पास ही बैठे सज्जन बोले, "भाई साहब, एक कॊक्रोच और हो तो मुझे भी दे दीजिए..."
पति कुछ बोले उससे पहले पत्नी बोली,"आज हम एक ही कॊक्रोच लाए थे!"
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भाई साहब, बिजली और पानी
आख़िर मिलते किस मशीन से हैं? खबरिया- बिजली और पानी के बिल एक ही मशीन में जमा होंगे
Cartoon © TC Chander, 2008
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देश
गुरूजी गणित पढ़ा रहे थे-एक बड़ी नाव में 500 नेता सवार थे। नाव डूबने से 300 नेता डूब। बताओ क्या बचा?
एक छात्र- गुरूजी 200 नेता!
"शाबाश!" फ़िर गुरूजी बोले-वे बचे 200 नेता दूसरी नाव में सवार हुए। संयोग से नाव में बैठे सभी नेता डूब गए। अब क्या बचा? सभी छात्र जोर से बोले
-गुरूजी देश बच गया!
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पटरियां
कुछ उजड्ड किस्म के लोग रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे। काफी देर की चुप्पी के बाद एक ने बातचीत शुरू की-कहाँ जा रहे हो ?
'जहाँ गाड़ी ले जा रही है...''
"यह गाड़ी कहाँ जा रही है?''
"जहाँ इंजन ले जा रहा है...''
"इंजन कहाँ जा रहा है?''
"जहाँ पटरियाँ ले जा रहीं हैं।''
"और पटरियाँ कहाँ जा रही हैं?''
"मूरख, इतना भी नहीं जानता कि पटरियाँ भी कहीं जाती हैं?'
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1 टिप्पणी:

  1. बेनामी4/25/2008 4:00 pm

    बधाई हो मित्र
    आपने उमंग में
    सारे हसीन रंग
    भर दिए हैं
    और सभी
    चटकदार
    लज्‍जतदार
    हैं।
    अविनाश वाचस्‍पति

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